आखिर क्या चाहते है हम किसी का पूरा हो जाना उनका हम में और हमारा उनमे पूरा मिल जाना एक जिस्म एक जान हो जाना आखिर क्या चाहते है हम किसी को पूरी शिद्दत से चाहना किसी की चाहत हो जाना किसी की साँसों में खो जाना आखिर क्या चाहते है हम किसी की हँसी पर जाना किसी की ज़ुल्फ़ों में खो जाना किसी की आँखों में खुद को भूल जाना आखिर क्या चाहते है हम किसी को बस अपना, सिर्फ अपना बनाना
गलतिया, हां, गलतिया तो मैं कर चुका हूँ हज़ार करता अब भी हूँ , मैं उन्हें बार बार पर फिर भी, तुम हो मेरे साथ हर बार बिना कहे जताया है तुम ही है मेरे सच्चें यार हाँ, करते है आपस में हम बहुत प्यार कमीनो, तुम ही तो हो मेरे रहनुमा
देख रहा हूँ आसमान में तो सोच रहा हूँ कि आज तारे क्यो नही है अकेला सा हो गया है चाँद आज उसके साथी जो नही है यूँ तो जगमगा रहा है पूरी शिद्दत से वो लेकिन आज उसकी चांदनी में वो बात नही है छोड़ जो आया मैं सबको पीछे तो मेरे साथ आज कोई भी नही है देख रहा हूँ आसमान में तो सोच रहा हूँ कि मुझसा तन्हा यहा आज कोई नही है