थक कर बैठा हूँ ।हार कर नहीं !सिर्फ बाज़ी हाथ से निकली है ।ज़िन्दगी नहीं ! - Saho
थक कर बैठा हूँ ।हार कर नहीं !सिर्फ बाज़ी हाथ से निकली है ।ज़िन्दगी नहीं !
- Saho