मेरी तबाही का मन्ज़र कोई क्या कहेगाकभी तबियत हो तो आना इस तूफ़ान मेंपिघला हुआ शीशा मेरी कलम से बहेगा - मिनाक्षी -एहसासनामा
मेरी तबाही का मन्ज़र कोई क्या कहेगाकभी तबियत हो तो आना इस तूफ़ान मेंपिघला हुआ शीशा मेरी कलम से बहेगा
- मिनाक्षी -एहसासनामा