बेचैन सहमी सी जान थी, दर्द दिल मे साथ लिए
चल पड़ी जीवन की नाव मे
एक और बार हिममत जूटा, आँखों मे अंशु लिए
चल पड़ी जीवन की नाव मे
साथ सब छोड़ गए थे, बस अकेले एक आस लिए
चल पड़ी जीवन की नाव मे
सफर शुरू अकेले हुवा, एक उम्मीद दिल मे दबाये हुए
चल पड़ी जीवन की नाव मे
टकरा गए ये आंखे एक और बार एक शख्स से
शमेट लिए वो एहसास, जाने अनजाने की ये मुलाक़ात से
मानो मुझसे जुडी हैँ इसकी उम्मीद सारी
ठहर जरा सा सोच लू कहीं फिर धोका ना कहा जाऊ मै बेचैरी
संभाल खुद की आश बहती नदी के बहाव मे
जो होगा देख लेंगे एक दोस्त चाहिए साथ मे
किस्मत का साथ कुछ यूँ मिला जीवन संवरने लगा
एक नयी ख़ुशी की आगाज़ मे
जल का उतार चढ़ाव कब साथ ले आया हमें
जीवन की नाव मे
हर मुश्किल का समना किया एक साथ हिम्मत जुटाये
उस एक जीवन की नाव मे
सुख दुख से भरे हर मोड़ को साथ मे पार किया
जीवन की नाव मे
अब एहसास हो चूका था जीवन की आखिरी सांस तक ये सफर एशा ही जीना है
जीवन की नाव मे
मगर किस्मत का क्या कब साथ छोड़ जाये क्या पता
बन कर तू मेरी किस्मत मुझसे मिला आज किस्मत ने साथ छोरा तो हाथ तेरा भी छूट गया
किस्मत कहूं या अपनों की नासमझी जिन्होने अपनी खुशी को मेरी ख़ुशी बना दी
ना समझे वो लोग की मै भी मेरी नाव को चलना जानती हूँ
मुझे भी खुद को संभालना है,
दुनिया की आँखों से देख मुझे मुझसे दूर कर दिया
एक और बार मे अकेले हो गयी
जीवन की नाव मे
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