वो रात में मुझमें प्यार ढूंढता है,और मैं दिन में
मैं सपनों में उसे सहेजती हूं,और वो अपनी परछाई में
वो बाहों में मुझे भरना चाहता है,और मैं अपनी आंखों में
मैं सबको कह देना चाहती हूं,और वो बस मेरे कानो में
वो रूठकर प्यार जताता है,और मैं इश्क़ का इजहार करते गानों से
मैं खिलती सुबह में उसका साथ ढूंढती हूं,और वो ढलती शाम में
प्यार उसे भी है और मुझे भी,फिर क्यूं ढूंढते हैं हम एक दूसरे को किसी प्यार भरी कहानी में।।
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