अपने चाँद को कुछ इस तरह मनाऊं आजउसका दर्द समेटूं ,के आसमाँ हो जाऊँ आज - आमना मीर
अपने चाँद को कुछ इस तरह मनाऊं आजउसका दर्द समेटूं ,के आसमाँ हो जाऊँ आज
- आमना मीर