कैसे कहे ख़ुदको बेगाने ,जब इस बगीचे के गुलाब ही हमारे नहीं हैं।।काटो से दोस्ती हैं,पर वो गुलाबो के ही नहीं हैं।। -
कैसे कहे ख़ुदको बेगाने ,जब इस बगीचे के गुलाब ही हमारे नहीं हैं।।काटो से दोस्ती हैं,पर वो गुलाबो के ही नहीं हैं।।
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कैद करलू तुम्हें हसीन तस्वीरों मेंकहीं खो ना जाओ मेरे खयालों के भवंडरो में ।। -
कैद करलू तुम्हें हसीन तस्वीरों मेंकहीं खो ना जाओ मेरे खयालों के भवंडरो में ।।
कैसे रहते होंगे गुलाब उन काटो के बीच ?हम तो इस बरसात में भी जल रहें हैं ।। -
कैसे रहते होंगे गुलाब उन काटो के बीच ?हम तो इस बरसात में भी जल रहें हैं ।।
तेरी आवाज़ की तलब में रूठे थे मेरे कान ।।ज़रा आवाज़ लगा ना मुझे, सो गए हैं या जगे अब तक तेरे नाल ।। -
तेरी आवाज़ की तलब में रूठे थे मेरे कान ।।ज़रा आवाज़ लगा ना मुझे, सो गए हैं या जगे अब तक तेरे नाल ।।
रात भर नींद नहीं आई ,ये सोच सोच के की इन गर्मियों के दिन बरसात कैसे आईं।। -
रात भर नींद नहीं आई ,ये सोच सोच के की इन गर्मियों के दिन बरसात कैसे आईं।।
वहम ही सही , तेरा ज़िक्र तो हैं ।।ख़्वाबों में ही सही, तू दिल के क़रीब तो हैं ।। -
वहम ही सही , तेरा ज़िक्र तो हैं ।।ख़्वाबों में ही सही, तू दिल के क़रीब तो हैं ।।
तसव्वुर है वो मेरी नादानीयत की तहे जिन्दा हूं मै,कभी रूबरू हो गई उनसे तो सांसे भी ना निकले।। -
तसव्वुर है वो मेरी नादानीयत की तहे जिन्दा हूं मै,कभी रूबरू हो गई उनसे तो सांसे भी ना निकले।।
बड़ा ही खौफ़नाक हैं ए मंज़र,सब होके भी कोई नहीं यहां।। -
बड़ा ही खौफ़नाक हैं ए मंज़र,सब होके भी कोई नहीं यहां।।
कदमों पे तेरे क़दम मै रखु एं तमन्ना कर,ना बनूं तेरी तो, हर्फ़ बन गुजरू तेरी हयात का ऐसी आस रख।। -
कदमों पे तेरे क़दम मै रखु एं तमन्ना कर,ना बनूं तेरी तो, हर्फ़ बन गुजरू तेरी हयात का ऐसी आस रख।।
दोनों में था जो, अब मुझमें रह गया हैं।एक तरफा मोहब्बत ही हैं, जो आग़ाज़-ए-मोहब्बत कर रहा हैं।। -
दोनों में था जो, अब मुझमें रह गया हैं।एक तरफा मोहब्बत ही हैं, जो आग़ाज़-ए-मोहब्बत कर रहा हैं।।