कोई मर गया तेरी दीदार के प्यास से
किसी का घर महका तेरे उतरे हुए लिबास से-
ये चंद दिन की दुनियां है ग़ालिब
यहां पलकों पर... read more
छोड़ दी उम्मीद के तू कभी सुधर सकती है
या कभी मुझे खोने से डर सकती है
अपनी आंखों में आंखें डाल और खुद से पूछ
तू एक साथ मोहब्बत कितनों से कर सकती है-
जब मैं तुम्हें नशात-ए-मोहब्बत ना दे सका..२
गम में कभी सुकून-ए-रिफाकत ना दे सका..२
जब मेरे सब चराग ए तमन्ना हवा के हैं..२
जब मेरे सारे ख्वाब किसी बेवफा के हैं
फिर मुझको चाहने का तुम्हें कोई हक नहीं...२
तन्हा कराने का तुम्हें कोई हक़ नहीं...-
हमें अहमियत तक नहीं दी जा रही थी
किसी को जिस्म दिया जा रहा था
और हम उसी के लिए जान दे रहे थे-
हम बिछड़े नहीं थे मुझे छोड़ा गया था
मुझे कभी ढूंढा नहीं गया.. मैं वो हूं
जो बस यूं ही मिल गया था..!!-
वो चाहती है रिश्ता मुझसे भी ना टूटे बात उससे भी हो
यानी सूरज भी न डूबे और रात भी हो
अगर उसे लगता है उसने जो किया सही किया मेरे साथ
खुदा करे की फिर ये सही उसके साथ भी हो
मेरे इस हाल का शायद तब जाकर इल्म होगा उसे
जब उस से ज़िंदा रहा भी ना जाए और ज़िंदा रहना भी हो
कयामत कुछ इस क़दर बरपे की कुछ पहलू में न हो
आंख में आंसू एक ना आए और दिल रोया भी हो-
Woh kehte hain ke sirf hamse mohabbat krte hain...
Hum jaante hain ke nazrein chura ke woh kya kya krte hain...
Ladkhadate rahte hain woh dusron ki bahon me...
Aur khaa ke thokar hamare hi kadmo me girte hain...-
बहते हुए अश्कों की रवानी में मरे हैं
कुछ ख्वाब मेरे ऐन जवानी में मरे हैं
कबरों में नहीं हमको किताबों में उतारो
हम लोग मोहब्बत की कहानी में मरे हैं-