MOKARRAM   (Ahmed...)
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Joined 15 July 2017


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22 JAN 2022 AT 21:12



बहुत मसरूफ है रातें मेरे महबूब की शायद।

मेरे ख्वाबों में भी आये उन्हें एक अरसा हो गया।।

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27 DEC 2021 AT 21:55

पूछते है वो कि ग़ालिब कौन है।
शायद शायरी से नहीं हुआ है कभी सामना उसका।

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27 DEC 2021 AT 21:49

SBI employee to customers :-

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4 DEC 2021 AT 14:46

अब तेरी आदत सी हो गयी है मुझे।
अब इसे लत कहूँ या इश्क़ बेपनाह।।

अब नहीं मुझपे है कोई बस मेरा।
अब यही इबादत है और गुनाह।।

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1 DEC 2021 AT 20:32


जीने की दुआ देकर हमको।
मरता हुआ उसने छोड़ दिया।

तासीर हुआ फिर उसका यूँ।
ना ज़िंदा रहा ना मरने दिया।।

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1 DEC 2021 AT 20:19

Girls on Tinder:- I'm not here for hookups.

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28 NOV 2021 AT 22:09


आसमानों का ख़्वाब देखने में बस एक ही दिक्कत है।

कि कोई रास्ता वहाँ तक नहीं जाता।।

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28 NOV 2021 AT 22:06


देखा था ख़्वाब जिस मंज़िल का।
शायद रास्ता नहीं है उसका कोई।

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28 NOV 2021 AT 12:41

bas 10th achhe numberon se pass kar lo beta phir aish hi aish..

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20 NOV 2021 AT 21:10

मैं भागता रहा उम्र भर जिस ख्वाब के पीछे।
ना वो हाथ आया और ना मैं बाज़ आया।।

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