7 JUL 2017 AT 14:11

मरघट की उस राख में
ज्वाला की उठती लपटों में
वहीं मिलूंगी देख लेना

खाक हो चुकी इस रूह का
अब ना जिक्र होगा तेरी दुनिया में ।।

- [©M D Bhuradia "बाग़ी"]