आज फिर दिन पूरा और रात अधूरी रह गईमेरी जागती आँखें एक कविता पूरी कह गईं। - MayankTiwari मध्यमवर्गीय
आज फिर दिन पूरा और रात अधूरी रह गईमेरी जागती आँखें एक कविता पूरी कह गईं।
- MayankTiwari मध्यमवर्गीय