22 JUN 2017 AT 21:02

वो लफ्ज़ ही क्या जो आग ना लगाए,
वो नज़रें ही क्या जो बाण ना चलाए,
अरे बने होंगे कुछ शायर और कवि प्यार में,
पर वो प्यार ही क्या जो दीवाना ना बनाए |

- Dusht mayank