22 NOV 2017 AT 1:25

तुम्हारे बालों को छेड़, कानों को सहलाकर जो हवा गुज़रती है,
वो मेरा ही तो पैगाम लिए तुम्हारे पास पहुंचती है...

- Manvi Verma ©