16 JUL 2018 AT 23:38

सिरहाने बैठे रहते हैं ख़याल तुम्हारे
हर वक़्त,
हर चीज़ बड़ी बारीकी से निहारते हैं..
मेरे चेहरे पर पड़ती हर शिकन,
हर निशां को वो जानते हैं...
माना तुम थे नहीं मेरे पास,
पर यादों का पिटारा जरूर था पास मेरे...
तुमने तो नहीं, पर तुम्हारे ख़यालों ने,
तुम्हारी यादों ने मुझे
हर मौसम में ढ़लते देखा है..
साल दर साल बीतते मुझमें,
तेरे वजूद को और मजबूत होते देखा है...
मेरी हर करवटों की कहानी उन्हें,
ज़बानी याद हैं...
मेरा हर आँसू जहाँ गिरा,
उन्हें वो निशानी याद है...
हाँ! तुमसे ज्यादा साथ निभाया
इन्होंने मेरा...

- Manvi Verma ©