जबां पे लग जाये जो और कभी न छूटे वो इश्क़ हो तुममेरे आब-ए-चश्म की हर बूँद की ख़्वाहिश हो तुमकत्ल कर दो मुझे, फिर भी सोचूँ तुम्हे ऐसी परस्तिश हो तुम... - Manvi Verma ©
जबां पे लग जाये जो और कभी न छूटे वो इश्क़ हो तुममेरे आब-ए-चश्म की हर बूँद की ख़्वाहिश हो तुमकत्ल कर दो मुझे, फिर भी सोचूँ तुम्हे ऐसी परस्तिश हो तुम...
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