9 DEC 2017 AT 16:13

कुछ सीखो रोशनी से 
कुछ अंधेरो से सबक लो 
रचकर इतिहास नया 
रच दो एक बेहतर दुनिया 
कुछ फूलो सा महको 
कुछ सागर सा गरजो
जिनकी  राह ना कोई 
उनकी सड़क बन जाओ
अडिग पर्वत से बनो 
कोमल रहो लेकिन मन से 
बदल दो दुनिया की चाल
बदलकर अपनी चाल 
प्रकृति की सुन्दर कक्षा
मन के नैनो से पढ़लो 
जीने का अंदाज़ यही 
खुद जिओ और जीने दो 


- Manjula Shaah