Manjula Shaah   (Manjula Shaah)
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A Poet in search of lost World
Joined 24 January 2017


A Poet in search of lost World
Joined 24 January 2017
23 NOV 2021 AT 19:32

What they are saying
What they have said
What they will be saying
is not important
Important is...
What you are saying

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21 APR 2021 AT 20:32

धरती माँ के आँचल में सुरक्षित जग सारा
ये किसने चुनरी को धूमिल कर डाला
चलों सजा दें फिर माँ की धानी चुनरिया
सब एक एक पौधा लगाएं, 
धीमे धीमे बुझती सांसों को बचाएं
जंगल बचाएं, पेड़ों को दोस्त बनाएं
पर्यावरण साक्षरता का सन्देश फैलाएं
धरित्री के आंचल में जीवन...
फिर से प्रफुल्लित हो जाए





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11 MAR 2021 AT 13:05

शिव शून्य
शिव योगी
शिव अंधकार
शिव ही सृष्टि
शिव से निपजे
शिव में समाहित


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7 MAR 2021 AT 17:07

तमन्नाओं का शोर हैं समंदर से कह दो
उलझकर रह गए इसमें कितने सैलाब
ख़ामोश हो जाओ या आहिस्ता से गुज़र जाओ

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22 FEB 2021 AT 16:13

आज की खबर में गुनहगार हूँ मैं 
कल चर्चे भी मेरे होंगे खबर भी मेरी होगी

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22 FEB 2021 AT 15:52

ये किसकी ख़नक का जादू है
तथ्य अचानक बदल जाते है
जो अब तलक मुज़रिम थे
अचानक देवता बन जाते है
सुर्ख सुर्खियां पिघल जाती है
खबर अचनाक हैडलाइन से गिर जाती है
सच फाइलों में बंद हो जाता है
झूठ तन कर नए मंच पर चढ़ जाता है

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21 FEB 2021 AT 20:04

तूफ़ान में कश्ती
उफा़न पर जिंदगी 
आंखें बरसती रही 
किनारे ढूंढती रही

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15 FEB 2021 AT 21:06


है तो वहां भी बेतहाशा हीरे
मगर बंदूकों की धमक में गुम

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14 FEB 2021 AT 11:12

नफरत की आग में जलता जमाना 
 भूल गया मोहब्बत का तराना 

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13 FEB 2021 AT 22:10

इश्क़ भी हुआ
इश्क़ में दगा भी मिला
इश्क़ फिर भी इश्क़ रहा
बस होता रहा, होता रहा

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