तू आए न आए तेरा साया रोज़ मिलता है मुझसेकि तेरी रुह को आज भी मुहब्बत बेइंतेहा है मुझसे ...M.A. - Manjeet Aanand
तू आए न आए तेरा साया रोज़ मिलता है मुझसेकि तेरी रुह को आज भी मुहब्बत बेइंतेहा है मुझसे ...M.A.
- Manjeet Aanand