MK The story Teller   (Mk the story teller)
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Joined 20 April 2018


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18 JUN 2023 AT 7:31

शब्दों की जद्दोजहद
और यह लिखने की क़ुव्वत
चाक दिल के साथ जीना
और अकेलेपन से मोहब्बत….

किसी शायर को कभी आज़मा के देख लेना
दिल्लगी नहीं सच्चा दिल लगा के देख लेना
तुम्हारे हर ज़ख़्म की मरहम बन जाएगा वो
ग़र यक़ीं हो तो एक बार हाथ बढ़ा के देख लेना

मनीष 💔

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17 JUN 2023 AT 20:36

थोड़ा अज़ीब नहीं हो रहा ज़िंदगी तेरे साथ?
वक़्त और हालात से तेरी कभी बनती नहीं
और नाराज़गियाँ तेरा पीछा नहीं छोड़ती …
यह रिश्ते तुझपे नज़र रखते नहीं थकते
और मुस्कुराहट आजकल नज़रें मिलाती नहीं …
गिले शिकवे जब से तेरे आस पास रहने लगे हैं
क़िस्मत दरवाज़े बंद करके रूठ चुकी लगती है..
थोड़ा अज़ीब नहीं हो रहा ज़िंदगी तेरे साथ?

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17 JUN 2023 AT 10:05

ਪਤਾ ਤੈਨੂੰ !! ਗੱਲਾਂ ਦੇ ਵੀ ਦੰਦ ਹੁੰਦੇ ਨੇ..
ਜਿਹੜੀਆਂ ਆਪਣੇ ਅੰਦਰ ਨੱਪ ਲੈਣੇ ਓ..
ਉਹ ਤੁਹਾਨੂੰ ਹੀ ਅੰਦਰੋਂ-ਅੰਦਰੀਂ ਖਾ ਜਾਂਦੀਆਂ ਨੇ !!

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17 JUN 2023 AT 9:16

जहां पिता है वहाँ भटकना नहीं हैं
जहां माँ है वहाँ कोई भूखा नहीं है
जहां भाई है वहाँ कोई भय नहीं है
और जहां बहन है वहाँ कोई विरह नहीं है

परिवार अच्छा व सच्चा है मतलब सच में आपके साथ है (मन से) तो फिर कोई और नहीं चाहिए !!

विरह = अभाव, शोक, चिंता

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14 JUN 2023 AT 8:16

ख़्वाहिशों को दफ़ना के देख लिया
मुस्कान को भी छुपा के देख लिया
कुछ अपनों से कुछ ग़ैरों की वजह से
इच्छाओं को दबा के देख लिया
ख़ुद को भी मार लिया औरों के लिए
जीते जी कफ़न पहना के देख लिया
अब बहुत हुआ ….!!!
जाने वाले जायें, चिल्लाने वाले चिल्लायें
ऐसे रिश्तों का आज से दहन करेंगे
हमें दबाने वाले को दफ़न करेंगे !!

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11 JUN 2023 AT 7:10

बुरे वक़्त में भी वो एक शख़्स जो तुमसे जुदा ना हो
पगले … ज़रा ग़ौर से देखना कहीं ख़ुद ख़ुदा ना हो !!

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9 JUN 2023 AT 19:48

बहुत हँसने वाले जाने कब, ज़िंदा लाश हो गये
किसी एक शख़्स ने ना पूछा ,क्यों यूँ उदास हो गये

अब तो देने लगा है जवाब, दिल भी दिमाग़ को
उजाले दुश्मन जब से हुए, तो अंधेरे ख़ास हो गये

बाँटने को बाक़ी ना रहा, दुनियाँ वालों से मेरे पास
मिल के बतायेंगे कभी, ख़त्म कैसे एहसास हो गये

पगला रहा ता उम्र, लिखारी बनूँगा यह सोचता था
अरे !! तेरे जैसे जाने कितने आये और इतिहास हो गये

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9 JUN 2023 AT 0:00

यह आजकल का सोशल मीडिया हमें रास नहीं आ रहा
सपनों की दुनियाँ जैसा सब कुछ असल ज़िंदगी से बिलकुल अलग
यहाँ सब ही सुंदर हैं, सब ही खुश हैं और सब ही घूमने जा रहे हैं
यहाँ जन्मदिन की कितनी बधाई मिली ये स्टेटस पे डालना ज़रूरी है
यहाँ जैसे सबकी हर दिन होली है और हर रात दिवाली लग रही
यहाँ होटल का ख़ाना खाने से पहले लोगों को दिखाना ज़रूरी है
इतने में ही बस नहीं किस जगह पे बैठे हैं यह भी बताना ज़रूरी है
सबके हज़ारों दोस्त हैं फिर भी कितनों ने लाइक किया यह फ़िकर है
यहाँ चौबीस घंटे वाली स्ट्रीक ज़रूरी है पर शायद नींद ज़रूरी नहीं
हम पाँच सौ दिन से स्ट्रीक पे हैं असल में मिले हुए दो साल हो चले
यह आजकल का सोशल मीडिया हमें रास नहीं आ रहा

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8 JUN 2023 AT 23:51

एक सोशल मीडिया ऐसा भी होना चाहिए..
जहां बिना फ़िल्टर के सभी फ़ोटोज़ वीडियोज़ हों
जहां ठेली पे ख़ाना खाने की पोस्ट डालने पे झिझक ना हों
जहां लौंग ड्राईव की जगह लाँग वाक की बातें हो
जहाँ सरप्राइज पार्टी की जगह रसोई में माँ का हाथ बटाना हो
जहां खुश हो तो खुश लिखें और उदास हो तो उदास बता सकें
जहां स्टेटस लगा के सामने वाले से दिल के ग़ुबार ना निकालने पड़ें
जहां डी पी हटा के यह ना दिखाना पड़े के समय अच्छा नहीं चल रहा
जहां तुम्हारे दोस्त रिश्तेदार फ़ॉलोअर इस कदर जज़मेंटल ना हों
यह आजकल का सोशल मीडिया हमें रास नहीं आ रहा ..!!

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4 JUN 2023 AT 12:08

तमाशा ए ज़िंदगी इस क़दर हो चुकी
अब ना ज़िल्लत, ना क़िल्लत, ना सम्मान चाहिए

नहीं चाहिए अपने-बेगाने अब कोई और हमें
कि अब बस चारों और गहरी सुनसान चाहिए

जहां दर्द बयान करो तो भी मज़ाक़ बने
शोर-ए-मदद का ना तेरा कोई फ़रमान चाहिये

तेरी ज़िंदगी तुझे मुबारक हो ऐ अल्लाह
रिंद को बस चार लोग व एक श्मशान चाहिए

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