18 JUL 2018 AT 2:28

जिसे तुम शायरी कहकर बहुत ही दाद पाते हो
वो पन्ने पर पडे़ कुछ शब्द शायद सुगबुगाते हैं।
तुम कागजों को स्याही से रंगीन करते हो
हम धड़कनों की ताल पर दिल का नगमा सुनाते हैं।

- Manish Kumar Jha