कातिलों को ज़मानत मिली ,मानो कत्ल की फिर इजाज़त मिलीओर मार देते हैं सबको नज़रें मिलाकर, हुस्न वालों की ये शिकायत मिली... -
कातिलों को ज़मानत मिली ,मानो कत्ल की फिर इजाज़त मिलीओर मार देते हैं सबको नज़रें मिलाकर, हुस्न वालों की ये शिकायत मिली...
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ना दामन पे कोई छींटे हैं, ना खंजर पे कोई दाग,तुम क़त्ल करते हो या कयामत करते हो। -
ना दामन पे कोई छींटे हैं, ना खंजर पे कोई दाग,तुम क़त्ल करते हो या कयामत करते हो।
ना किया कर अपने दर्द ए दिल को यूं शायरी में बयां..हम ओर भी टूट जाते हैं हर लफ्ज़ को अपनी दास्तां समझ कर।।। -
ना किया कर अपने दर्द ए दिल को यूं शायरी में बयां..हम ओर भी टूट जाते हैं हर लफ्ज़ को अपनी दास्तां समझ कर।।।
दस्तक ओर आवाज़ तो कानों के लिए है,,,जो रूह को सुनाई दे उसे खामोशी कहते हैं।।। -
दस्तक ओर आवाज़ तो कानों के लिए है,,,जो रूह को सुनाई दे उसे खामोशी कहते हैं।।।
बहुत थे मेरे भी इस दुनिया में अपने...फिर हुआ सच बोलने का नशा ओर हम लावारिस हो गए..!!! -
बहुत थे मेरे भी इस दुनिया में अपने...फिर हुआ सच बोलने का नशा ओर हम लावारिस हो गए..!!!
किस्सा नहीं बनना है मुझे तेरी मोहब्बत का...सच्ची मोहब्बत है तो हिस्सा बना मुझे अपनी जिंदगी का -
किस्सा नहीं बनना है मुझे तेरी मोहब्बत का...सच्ची मोहब्बत है तो हिस्सा बना मुझे अपनी जिंदगी का
दुनिया का दस्तूर भी अजीब नजर आता है!!!इश्क की तहजीब में भी तेजाब नज़र आता है ंंं -
दुनिया का दस्तूर भी अजीब नजर आता है!!!इश्क की तहजीब में भी तेजाब नज़र आता है ंंं
पाने से खोने का मज़ा कुछ और है, बन्द आंखों से देखने का मज़ा कुछ और है।आंसू बने लफ्ज़ ओर लफ़्ज़ों में हो पुकार,तेरी यादों के सहारे जीने का मज़ा कुछ और है। -
पाने से खोने का मज़ा कुछ और है, बन्द आंखों से देखने का मज़ा कुछ और है।आंसू बने लफ्ज़ ओर लफ़्ज़ों में हो पुकार,तेरी यादों के सहारे जीने का मज़ा कुछ और है।
यह कहकर उस सितमगर ने आंखें फेर ली मुझसेकि मोहब्बत करने वाले रहम के काबिल नहीं होते। -
यह कहकर उस सितमगर ने आंखें फेर ली मुझसेकि मोहब्बत करने वाले रहम के काबिल नहीं होते।
महसूस करोगे तो हर जज़्बात समझ में आएगा......ओ सनममोहब्बत की गहराई लफ्ज़ नहीं लहज़े बयां करते हैं। -
महसूस करोगे तो हर जज़्बात समझ में आएगा......ओ सनममोहब्बत की गहराई लफ्ज़ नहीं लहज़े बयां करते हैं।