Maniraj Kumar   (ƴ០⩏Ʀន彡៣ɉ)
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Joined 19 March 2018


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Joined 19 March 2018
8 APR AT 19:15

तुम छोडो़ भी कुछ कहने को,
मैं कहता हूँ मुझे कहने दो ।
एक तरफा इश्क़ हीं बेहतर है,
मैं करता हूँ, तुम रहने दो ।।

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7 APR AT 22:36

फिर से उन गलियों में जाने को जी करता है।
मुझे एक बार फिर से लिखने का दिल करता है।।

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12 OCT 2023 AT 19:54

मुर्शिद,
तेरे बाद वो तुझे हर किसी में ढूँढता फिरेगा !
तू बस खुद को खुद-सा बनाए रखना ‌ !!

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29 DEC 2022 AT 21:10

वो बहुत मुसिबत में पड़ गया होगा
वो बहुत मुसिबत में पड़ गया होगा,
जो किसी के लिए किसी से लड़ गया होगा !!
लोगों के तरीके से नहीं जिया जाए जिंदगी
और लोगों के तरीके से नहीं जिया जाए जिंदगी,
तो बात बना देते हैं कि डर गया होगा !!
मैं छोडता उसे तो होता भी सही
अगर मैं छोडता उसे तो होता भी सही,
अब उसने छोडा़ तो, अंदाजा नहीं किधर गया होगा !!
लापता है तो सोचते हैं जिंदा हीं मिलेगा
और लापता है तो सोचते हैं जिंदा हीं मिलेगा,
उम्मीद नहीं सोचने देती कि मर गया होगा !!

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20 OCT 2022 AT 21:34

With a heart so fragile,
and lips that always have a smile.
I often pay homage to each one of me,
who died with time's cruelty.
Lying there in the graveyard so free
I do owe them my biggest apology
for there's no one more brutal
than I've been to me.
For all those dark nights
For all those inner fights
They've all played their roles well,
They've all embraced me through the hell.

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26 SEP 2022 AT 12:47

मैं नहीं लिखता तुम्हें कविताओं में!
मेरी कहानियाँ तुमसे हों,
यह कभी नहीं चाहा मैंने
इन सारी जगहों पर तुम्हारी उपस्थिति
मेरे जीवन में तुम्हारी अनुपस्थिति है
कविताओं में उनकी प्रेमिकाओं का जिक्र
कवियों के प्रेम जीवन की
सबसे बड़ी त्रासदी का दस्तावेज़ है।

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29 JUN 2022 AT 19:31

सड़क पार करते हुए
हर बार चाहा
तुम्हारा हाथ अपने हाथों में
शहरों की शोर में,
मेरा एकांत थे तुम!

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19 JUN 2022 AT 12:43

हर दरगाह में धागा बांधा मैंने ।
हर मंदिर में माथा टेका था ||
मैं अल्लाह ईश्वर सब भूल गया |
जब जाते उसको देखा था ||

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19 JUN 2022 AT 12:01

हर दरगाह में धागा बांधा मैंने ।
हर मंदिर में माथा टेका था ||
मैं अल्लाह ईश्वर सब भूल गया |
जब जाते उसको देखा था ||

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19 JUN 2022 AT 12:01

हर दरगाह में धागा बांधा मैंने ।
हर मंदिर में माथा टेका था ||
मैं अल्लाह ईश्वर सब भूल गया |
जब जाते उसको देखा था ||

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