18 JUL 2019 AT 7:39

#शर्त
किंकर्तव्यविमूढ़ हैं,शब्द,समय,सामर्थ्य
जीवन मे 'आनंद' का रहा न कोई अर्थ
वसुधा का धीरज सदा कहता मनभावन
शर्त समय से ये लगे,जाए कभी न व्यर्थ।

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