Mala Lakhmani Mandhyan   (Mala Mandhyan)
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Joined 1 August 2017


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15 AUG 2020 AT 14:20

Just follow Him, 🙏
And He will make others follow you.

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4 FEB 2020 AT 21:40

गर आंचल में चमकते तारे तुमसे हो,
तो ज़हनसीब है मेरा निशा होना ।

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3 JAN 2020 AT 21:31

वो क्या गोता लगाएंगे रिश्तों की गहराइयों में?
जो पायाब में ही डूब जाया करते हैं।

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3 JAN 2020 AT 21:14

जीती हूँ तुम्हें भी ।

पूछते हैं लोग कि इतनी ज़िन्दगी कहाँ से हो लाती?
इल्म क्या उन्हें भी,
कि एक हिस्सा जीती हूँ तुम्हें भी खुद में।
जिसे लोग मेरी हंसी समझते हैं,
वो ख्याल तुम्हारा है।
झूमती जो हूँ फिज़ा के साथ,
वो उत्साह तुम्हारा है।
लिखावट है ये मेरी,
पर अहसास तुम्हारा है।
निडर सी जो छवि मेरी,
सिर्फ इसलिए कि अजय है ऊर्जा तेरी।
कोमल भाव तुम्हारे हैं,
जोशिले वाले मेरे हैं।
शोरगुल मेरा, शान्ति तुम्हारी।
कभी तुम ज्यादा और मैं कम,
तो कभी मैं ज्यादा और तुम कम।
पर फर्क की पैंदा यार!
ये तर्क तो है सब बेकार।
खुदा को खुद कीसी रिश्ते में बसना था।
हमारा मरासिम तो बस एक बहाना था।
शिफा हुई तुमसे, जैसे तुम हो कोई ताबीज।
रखाँगी तुमको सदा खुद में मुहाफिज।

-Mala Mandhyan













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2 JAN 2020 AT 19:50

औहदे का लिबास

ये जो औहदे का लिबास
मेरे अंदर के बच्चे ने ओढ़ रखा है न,
घर आते ही इसे बदल देती हूँ।
बंध सा जाता है उस लिबास में,
जिने का हक उसे भी देती हूँ।
उस लिबास के बिना-
कुछ हल्का सा महसूस करता है।
फिर खिलखलाता हुआ आता है,
मेरी आगोश में,
खुद को मुझमें महसूस करने।
बहुत लाड से रखती हूँ इसे,
ये भी तो है जिम्मेदारी मेरी।
पूछता है फिर कब छुट्टी मिलेगी,
कि कुछ ज्यादा उस लिबास से मुक्ति मिलेगी।
थोड़ा मुस्कुरा के समझा देती हूँ,
बाहर ice-cream और चाट से पटा लेती हूँ।
तुम देखो जो मुझको उस लिबास में अठखेलियां करते हुए,
समझ लेना आज जिद्द पे अढ़ा है।
मेरे सिर पे चड़ा है।
रखती हूँ इसको जिसमें इसकी रज़ा है,
क्योंकि इसके बिना मेरी जिंदगी सिर्फ सज़ा है।

-Mala Mandhyan





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2 JAN 2020 AT 16:48

उम्र हो गई है मेरी।

लोग कहने लगे हैं उम्र हो रही है मेरी,
हाँ उम्र हो रही है मेरी,
कुछ जिम्मेदारीयों से मुक्त होने की।
खुल कर जिने की।
खामख्वाह के ताने न सुनने की।
खुद को आजाद करने की।
सिर्फ अपनी शर्तों पर जीने की।
"कहाँ गई थी?" और "कब तक आओगी?"
इसका जवाब न देने की।
उम्र हो गई है मेरी।

कुछ बेपरवाह होने की।
घर को बेवजह न सजाने की।
सबको खुश न रखने की।
अपने फैसले लेने की।
बिन्दास घूमने की।
लोगों की नजरों में कई बेतूके सवालों को ignore करने की।
कोई क्या सोचता है, ये न सोचने की।
जो मेरा मन करे बस वो ही करने की।
आजादी से जीने की।
हाँ, उम्र हो गई है मेरी सबसे खूबसूरत उम्र जीने की।

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1 JAN 2020 AT 12:39

कुछ इस तरह से कीजिए
आगाज़ -ए- जनवरी।
कि ज़िन्दगी खुद सीखे
अंदाज आपसे, ये दूआ है मेरी।

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20 DEC 2019 AT 17:38

आदत नहीं हमें यूँ ,
बेवजह तस्वीरों में आने की।
पर लम्हों की खूबसूरती
को कैद करने का शौक जरूर रखते हैं।

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19 DEC 2019 AT 18:03

Meaning of life is to give life a meaning.

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14 DEC 2019 AT 20:29

तुम हो तो,
मैं बस मैं ही मैं हूँ।
तुम नहीं तो,
मैं, तुम ही तुम हूँ।

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