आज भी ख्वाबों में तेरा वही चेहरा नज़र आता है..।रात तो होती है वही,पर अब..चाँद कुछ अधूरानज़र आता है.. - महेश "माही"...✍️
आज भी ख्वाबों में तेरा वही चेहरा नज़र आता है..।रात तो होती है वही,पर अब..चाँद कुछ अधूरानज़र आता है..
- महेश "माही"...✍️