ये तो बस कागज़ी बातें है भइया,दिल धड़कता नहीं, खनकता है...©माधव(mad._pen)10/02/2021 -
ये तो बस कागज़ी बातें है भइया,दिल धड़कता नहीं, खनकता है...©माधव(mad._pen)10/02/2021
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इतना न कमाओ की खुदको खुदसे खरीद न पाओ... -
इतना न कमाओ की खुदको खुदसे खरीद न पाओ...
मैं ठहरा भटका सा शायर,तुम बंजारन एक ख़याल...©माधव चौधरी -
मैं ठहरा भटका सा शायर,तुम बंजारन एक ख़याल...©माधव चौधरी
फिर ऐसा हुआ किउसने मेरे कंधे पर सर रक्खाऔर झूठ पर सफेदी चढ़ाते हुए बोलीकी वो मेरे ज़िन्दगी की आख़िरत तक का हिस्सेदार बनना चाहती है...वो मेरा सिर्फ़ मेरा प्यार बनना चाहती है... -
फिर ऐसा हुआ किउसने मेरे कंधे पर सर रक्खाऔर झूठ पर सफेदी चढ़ाते हुए बोलीकी वो मेरे ज़िन्दगी की आख़िरत तक का हिस्सेदार बनना चाहती है...वो मेरा सिर्फ़ मेरा प्यार बनना चाहती है...
सुखी नदी में कश्ती बहाने निकले हैं,हम भी पागल हैं, उन्हें मनाने निकले हैं... -
सुखी नदी में कश्ती बहाने निकले हैं,हम भी पागल हैं, उन्हें मनाने निकले हैं...
No never..Humans are differentiators but chairs are not...Humans can change themselves into Non-Human but chairs are always chairs... -
No never..Humans are differentiators but chairs are not...Humans can change themselves into Non-Human but chairs are always chairs...
कई आए ज़िंदगी की फेहरिस्त में जानाँ,इनमें तुम तब भी अव्वल थी,इनमें तुम अब भी अव्वल हो... -
कई आए ज़िंदगी की फेहरिस्त में जानाँ,इनमें तुम तब भी अव्वल थी,इनमें तुम अब भी अव्वल हो...
वो भी न'आदत' लगाकर कहती है"आदत छोड़ दो..." -
वो भी न'आदत' लगाकर कहती है"आदत छोड़ दो..."
तुम बिल्कुल नहीं बदलीतब भी पानी थी, अब भी पानी हो,फ़र्क बस इतना है केपहले 'प्यास' बुझाती थी, अब 'आंखों में' आती हो... -
तुम बिल्कुल नहीं बदलीतब भी पानी थी, अब भी पानी हो,फ़र्क बस इतना है केपहले 'प्यास' बुझाती थी, अब 'आंखों में' आती हो...
दोस्ती हो गई है दर्द से इस कदर आजकल,के दर्द भी अब दर्द देता नहीं है... -
दोस्ती हो गई है दर्द से इस कदर आजकल,के दर्द भी अब दर्द देता नहीं है...