7 DEC 2017 AT 20:15

गुज़रे वक्त के कुछ भीड़ में खोए
अपनों की यादें लिए फ़िरती हूँ..
कभी रो लेती हूँ,
कभी मुस्कुरा भी लेती हूँ ।
इस दिल में आज भी उनका घर
बड़े प्यार से सँवार लेती हूँ.. ❤

- लवी ❤