Lucky Kunjwal   (Living Soul)
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Joined 23 January 2018


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27 FEB AT 12:49

मैं बर्फ सी पिघलती जिंदगी,
और तुम वो सूरज की किरण हो।।

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27 FEB AT 5:48

"खत"

Good bye Irene......

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25 DEC 2023 AT 17:58

मैं एक कहानी लिखूंगा।
थोड़ी सच्ची, थोड़ी झूठी लिखूंगा,
थोड़ी यादें, थोड़ी बातें लिखूंगा,
थोड़ी हंसी, थोड़े गम लिखूंगा,
एक सफ़र लिखूंगा,
एक किरदार लिखूंगा,
थोड़ा, बस थोड़ा...... मजेदार लिखूंगा।
मैं एक कहानी लिखूंगा।।
कुछ नया, कुछ पुराना लिखूंगा,
कुछ हक़ीक़त, कुछ कल्पनाएं लिखूंगा,
कुछ जगहों को लिखूंगा,
कुछ वजहों को लिखूंगा,
गुजरी हर बात पुरानी लिखूंगा,
जब मिल जाएगा सब कुछ,
मैं अपनी कहानी लिखूंगा।
मैं एक कहानी लिखूंगा।।

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4 NOV 2023 AT 7:12

कवियों का शहर

इस समाज की परिकल्पना से कहीं बहुत दूर,
एक शहर हो जहां कवियों का बसेरा हो,
जहां जाति - धर्म कोसों दूर हो,
जहां बस प्रेम भरी कविताएं हो।
जहां सरहदों की सीमाएं नहीं,
जहां नदियों कि तरह बहती विचारधारा हो।
जहां नवजवानों के हाथों में शस्त्र नहीं,
कलमो का सहारा हो।
जो लिखें बीते वक्त की कहानी,
जो लिखें एक सुनहरा कल,
खुले आसमान और हरी धरती,
प्रेमी लिखे अपनी प्रेमिका को पत्र,
या लिख दे वो अपनी असीम कल्पनाएं।
बस वो लिखे।।

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13 OCT 2023 AT 18:04

खुले आसमान के आजाद पंछी,
एक गीत सुनाया करते हैं,
नदियों का पानी अक्सर,
छल-छल एक धुन बनाया करते है,
देवदार के वृक्ष जहां पर,
दोपहरी में छांव किया करते है,
कण कण में भगवान जहां पर,
देवभूमि उसी को कहते हैं।

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5 OCT 2023 AT 0:02

मैं अपनी ही बातों उलझ जाता हूं,
रातों को सोता देखता उसको,
दिन में थोड़ा मैं खुद भी सो जाता हूं।
दुनिया ज़हान की बातें करता दिनभर,
शाम ढलते ही उसी कमरे में लौट आता हूं।
कभी पूरानी यादें,
कभी कोई सफर,
कभी एकांत शहर को तकता हूं,
मैं मुसाफ़िर अनजान राहों का,
एक दिन घर लौटना चाहता हूं।

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24 MAY 2023 AT 21:17

अब सब कुछ बदलने लगा है,
देखो, दूर सूरज ढलने लगा है।
फिका तस्वीरों का रंग पड़ने लगा है,
आंखों में पानी की वजह, कचरा है?
या, तेरी यादों से धुंधला दिखने लगा है।
अब सब कुछ बदलने लगा है।।

बेगाना शहर अपना लगने लगा है,
अनजानों में भी तु दिखने लगा है,
अभी अभी तो बरसाते रुकने लगी थी,
और तु फिर शहर में वापस आने लगा है
अब सब कुछ बदलने लगा है।।

ढुंढो जगह वो, जहां इश्क का इलाज होने लगा है,
आज फिर मेरा ज़ख्म दिखने लगा है
दवाखानों से ज्यादा ठेकों में भीड़ देखी मैंने,
लगता है हर मर्ज का इलाज बोतल होने लगा है।।
अब सब कुछ बदलने लगा है।।

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8 FEB 2023 AT 12:41

मैं उसके फरेब को,
इश्क समझ बैठा।
एक रोज गुलाब दिया उसने,
मैं इश्क का इज़हार कर बैठा।।

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6 FEB 2023 AT 9:42

"Irene"

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5 FEB 2023 AT 13:19

तुम हो........।।


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