ख्वाब को हकीकत बनते देखा है मैंने,पानी को आग पकड़ते देखा है मैंने।तुम चमत्कार की क्या बात करते हो ?एक परी के माथे पे सिंदूर लगाया है मैंने। -
ख्वाब को हकीकत बनते देखा है मैंने,पानी को आग पकड़ते देखा है मैंने।तुम चमत्कार की क्या बात करते हो ?एक परी के माथे पे सिंदूर लगाया है मैंने।
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कुछ तो बात हे इस प्रेम में।वरना प्रेमिका को हासिल ना कर पाने वालाइस कान्हा को हर कोई प्रेम का मसीहा नहीं बोलता। -
कुछ तो बात हे इस प्रेम में।वरना प्रेमिका को हासिल ना कर पाने वालाइस कान्हा को हर कोई प्रेम का मसीहा नहीं बोलता।
बहुत सवाल उठ रहे हैं की मैं तेरा कौन हूं ?सुन, सिर्फ दोस्त बोल देता हूं ।सच बोल दिया तो सब जल मरेंगे । -
बहुत सवाल उठ रहे हैं की मैं तेरा कौन हूं ?सुन, सिर्फ दोस्त बोल देता हूं ।सच बोल दिया तो सब जल मरेंगे ।
हैरान रह जाता हूं ये देख करकी कोई इतना सुंदर कैसे हो सकता है ???ऊपर ये चांद,और नीचे तुम । -
हैरान रह जाता हूं ये देख करकी कोई इतना सुंदर कैसे हो सकता है ???ऊपर ये चांद,और नीचे तुम ।
मैंने खोया है तुमको करीब से पा कर,काश सामने आ पाता इतिहास को बदल कर।किसी नायाब पत्थर की तरह मिली थी तुम मुझे,हसीन बन गई थी जिंदगी तुमको छू कर।कोश्ता हूं खुदको की क्यों रोक नही पाया उस दिन तुमको,शायद अब बस मिलूंगा तुमसे दूसरा एक जनम ले कर। -
मैंने खोया है तुमको करीब से पा कर,काश सामने आ पाता इतिहास को बदल कर।किसी नायाब पत्थर की तरह मिली थी तुम मुझे,हसीन बन गई थी जिंदगी तुमको छू कर।कोश्ता हूं खुदको की क्यों रोक नही पाया उस दिन तुमको,शायद अब बस मिलूंगा तुमसे दूसरा एक जनम ले कर।
बेबजा पागलों की तरह रोज यू हीं नहीं भटकता तेरे घर के पास।भरी दोपहर में भी जब चांद नजर आए, तो कोई भी पागल हो सकता है उसे देखने के लिए। -
बेबजा पागलों की तरह रोज यू हीं नहीं भटकता तेरे घर के पास।भरी दोपहर में भी जब चांद नजर आए, तो कोई भी पागल हो सकता है उसे देखने के लिए।
दोस्त सब झूठे कहने लगे हैं मुझे।की जब भी मेरा पसंदीदा रंग पूछते हैं मैं कुछ अलग ही बताता हूं।करूं भी तो क्या हरबार वो अलग रंग की दुपट्टा पहन के जो आती है। -
दोस्त सब झूठे कहने लगे हैं मुझे।की जब भी मेरा पसंदीदा रंग पूछते हैं मैं कुछ अलग ही बताता हूं।करूं भी तो क्या हरबार वो अलग रंग की दुपट्टा पहन के जो आती है।
मेरे शब्दों के लिए तारीफों की बरसात होती रही,एहसास के रेगिस्थान पे किसीने गौर ही नहीं किया । -
मेरे शब्दों के लिए तारीफों की बरसात होती रही,एहसास के रेगिस्थान पे किसीने गौर ही नहीं किया ।
कैसे कह दूं की झूठा था प्यार उसका...उसकी शादी वाले दिन तो मेरी हिचकी रुक ही नहीं रही थी। -
कैसे कह दूं की झूठा था प्यार उसका...उसकी शादी वाले दिन तो मेरी हिचकी रुक ही नहीं रही थी।
करबटें बदलता रहा आंख मूंदे रात भर,शायद शुरू हो जाए वहीं से अधूरा था जो सपना पल भर ।बड़ी देर से एहसाह हुआ की खोल आंख उठ खड़ा होता अगर,कुछ तो फासले कम कर ही लेता बाकी जो है सपनो का सफर । -
करबटें बदलता रहा आंख मूंदे रात भर,शायद शुरू हो जाए वहीं से अधूरा था जो सपना पल भर ।बड़ी देर से एहसाह हुआ की खोल आंख उठ खड़ा होता अगर,कुछ तो फासले कम कर ही लेता बाकी जो है सपनो का सफर ।