कंधों के आगे से मैंने उसकी बालों को हटाकर,
कानों के पीछे फंसाया और माथा चूमते हुए
अपने नाक को उसके नाक पर रख दिया
तब मुझे नहीं पता था वो खुशबू
मेरी मौत बनकर मेरे साथ चलेगी, जिंदगी भर ,
यहां तक कि मेरे मौत के समय भी
तुम मेरी पलकों के ठिक आगे आकर बैठ जाओगी,
मैं मुस्कुरा उठूंगा, एक छोटे बच्चे कि तरह ,
ठीक जैसे बचपन में लाल पीले रंगों को देखकर उछलता था
और फिर तुम्हारे हाथों के लकीरों कि
उंगलियां थामें मैं चल दूंगा , तुम्हारी ओर , हां तुम्हारी ओर मेरी मौत !!
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