उफ़ ये तन्हाई के आलम उपर से पतझड़ का मौसमसब सूना - सूना अन्जाना सा लगता है ।इस बेरुखी के दर्द को देखते हैं कौन समझता है ।। - प्रवीण कुमार श्रीवास्तव
उफ़ ये तन्हाई के आलम उपर से पतझड़ का मौसमसब सूना - सूना अन्जाना सा लगता है ।इस बेरुखी के दर्द को देखते हैं कौन समझता है ।।
- प्रवीण कुमार श्रीवास्तव