वीरानी दुनिया है, खुशियों का नगर दे जा
रातों की नींद, दिन का चैन, रहगुजर दे जा
थकने सा लगा हूँ सफर ए जिन्दगी में अब
फिर वही जुल्फों की छाँव, बाहों का घर दे जा..

- अवि राज लोधी