"मिनख हैं तो जूँण जी महाराणा रे ज्याण की
दासता माँय कुकर जीवै पिछाण मीले गुलाम की"
~ कुँवर दीपेन्द्र "नादान"-
थारो कित्तो मेह कराँ रे बखाण
मोटा मोटा राकश धूजे
भूत पिशाच थर्रावे
राम सिया का थे हो लाडला
दाळ चूरमो भावे
अतुलित हैं थारो बळ
खूद थाने समझ नी आवै
देवी देवता करे आरती
कळजुग माँय फेर लगावे
ओ पवनसुत हनुमान
थारो कित्तो मेह कराँ रे बखाण
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थारो ही रूप निजर आवै
ओल्यूँ म थारी हिवड़ो फ़फ़क फ़फ़क रोवै
थारा नाम सुणता ही कोरा काळजे री
फड़क फड़क बळ खावै
अबै तो घराँ आ जाओ बाळमा
आँखडल्या बाताँ जोवै....
✨ कुँवर "नादान"✨-
जीवण री उमंग जगावै हैं
ई रा आभास रे सागै मुर्गल्या बाँग लगावै हैं
चिड़कल्या रा चेकारा सूँ भोर रा तारा छिप ज्यावै हैं
सूरजी रा दरसन री खातर पंछी सगळा गावै हैं....
✨ कुँवर "नादान"✨-
मोकळी
चाँदडलों गयौ चिलक
मिळ जुळ बैर भुलाय रया
सैवा रे सागै मिनख....
✨कुँवर "नादान"✨
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सागै गण मिल्या
पूजै सोळा ठोड़
सुहागणा रीत सुगंतर
जद ब्याव मँडयो गिणगौर....
✨कुँवर "नादान"✨-
ई री माटी हैं सुगंतर
जी सूँ निपजे वीर निरंतर
ई रा मिनख मोतियाँ सूँ महँगा
जयाँ रा डंका बाजै पेहरा
आ धरती वीरां री
मीठा बोरयां री.....
ई री बोयलड़ी मन भावै,
ज्याणे मिशरी हैळा बावै
इण पग पग पर देव विराजै
पन्ना,पद्मा मीरां सागै
आ धरती वीरां री....
ई री बात है सबसूँ निराळी
श्याम न खिचड़लो घालै भर थाळी
ईण रों बालोंजी भी ताव लगावै
जयाँ री मुछडल्याँ खिल खिल बळ खावै
आ धरती वीरां री
मीठा बोरयां री....
✨कुँवर दीपेन्द्र "नादान"✨
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