Kunwar Devi Singh Inda   (अबोध😊)
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Joined 5 July 2017


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Joined 5 July 2017
12 FEB 2021 AT 9:36

किसी की उन्नति या उसकी धन सम्पदा को देख ईर्ष्या नहीं करनी चाहिए , शास्त्रों में पराया धन मल के सदृश बताया है ।

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10 OCT 2019 AT 20:52

And one day,
the clock of your life
will stop forever

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16 JUL 2019 AT 14:02

This will make you
permanently silent

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13 JUL 2019 AT 7:09

आजकल पहनावे पर टिका इश्क जो होता हैं साहब! हुलिया क्या बदला फरेब ही उतर चला।

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9 MAY 2019 AT 13:36

शारिरिक अनुभूति, बाहरी वैभव इत्यादि के आधार पर बने रिश्ते सिर्फ छंद काल तक सीमित होते हैं ।
आत्मा से जुड़े रिश्ते ,देश काल एंव परिस्थिति से भी परे सदा प्रफुल्लित रहते हैं

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7 MAY 2019 AT 4:52

बड़ी अजीब दुनिया हैं ग़ालिब!
उन्हें अपना के भी,अपना ना सके l

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6 MAY 2019 AT 20:40

यह इश्क हैं साहब!
आजकल तो हवाओं की तरह बहता भी हैं,
और बदलता भी।

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3 MAY 2019 AT 8:18

जब भी उदास होता हुँ,

रो लेता हूँ होठों की दिखावटी हसि के बहाने..

यकीनन दुनिया आज भी मुझे खुशमिज़ाज कहती हैं।

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2 MAY 2019 AT 22:16

मन करता है ,माँग लू कुछ मन्नतें खुदा से,
पर रूह रुक जाती हैं यह कहते,
"क्या जो मिला उसके तू यकीनन लायक था?"
(रब-दा-शुकराना)

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24 DEC 2018 AT 10:45

किसी के वो बेरंग बोल..हमरे बोल बन चले😍

""तेरा रंग रूप कैसा है ।
मुझे फिक्र नहीं रहती हैं ।
मुझे इतना पता है...मेरे हर जंजाल की सुलझन तू ।
मेरी खुशी का हर ठिकाना तू , इजहार तू , मेरा उपहार तू""
😍

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