Kefi Thoughts   (Kefi)
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Joined 14 September 2018


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26 MAR AT 14:28

जब जब खेली मेने किसी के संग होली
वो न जाने क्यों किसे और की होली

अब जो मिली है उसे इश्क में बेवफाई
कहती है होली रे़ होली में तेरी होली

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21 MAR AT 9:30

कोई शिकवा नहीं अब ज़िंदगी से
तुझे छोड़ा है मैंने हाँ खुशी से

नया इक इश्क़ हम कैसे करे अब
है डरता दिल किसी की बेरुख़ी से

हमे हस्ते हुए जो देखते है
कहां वो देख पाए है सही से

तिरी यादों में हूँ मैं कैद कबसे
रिहा कर दे मुझे इस जिंदगी से

मिरे हालात मुझसे कह रहे है
मोहब्बत फिर ना करना तू किसी से

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14 MAR AT 9:11

आप का ऐतबार करके देख लिया
जी हमने भी प्यार करके देख लिया

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3 MAR AT 1:34

तिरा मुझसे ये दिल लग जाए तो अच्छा लगेगा
सफ़र में है तेरे भी कोई साथ ऐसा लगेगा

मिरे कं धे पे सर रख दे सफ़र अच्छा कटेगा
तिरी जुल्फों को सुलझाऊँगा में अच्छा लगेगा

लिपट आया है मेरे शॉल में कुछ इस तरह वो
ना पूछो मुझसे अब यारों मुझे केसा लगेगा

की उन आँखों में अब दिखने लगी तस्वीर मेरी
किसी का भी हो जाए वो मगर मेरा लगेगा

हक़ीक़त में था वो बस का सफ़र इक ख़्वाब जैसा
किसी को गर बताऊँगा उसे झूठा लगेगा

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30 JAN AT 9:26

कुछ यूँ भी हमने लकड़ियां बचाई सर्दियों में
जी भर के देखा उसे फिर आग लगाई सर्दियों में

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30 DEC 2023 AT 11:53

नए साल चढ़ा ये कैसा ख़ुमार है
बिता दिसंबर भी तेरा ही यार है

मंज़िले तय हुई चाँद को पाने की
दीवाने की मंज़िल फ़क़त दीदार है

रस्ता दिखलाए ऐसा उस्ताद कहां
सबको पहुंचना नदी के उस पार है

जश्न में लाए हो बड़ी महंगी शराब
यारों के बिना लगे आज बेकार है

तकनीक के पीछे बड़े दूर आ गए
जो रह गया अकेला वो संस्कार है

रखो बड़ो का मान दो उन्हें सम्मान
हर एक साल जिनका शुक्र-गुज़ार है

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10 DEC 2023 AT 10:59

.. ...

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11 NOV 2023 AT 8:40

गैरों से दूर अपनो के बीच
चलो आज दीप जलाए
भुला के सारे सिकवे और
गम चलो आज दीप जलाए

न बचा हो किसी घर में
रावण ! रख के मन में ये
आस चलो आज दीप जलाए

सज सवर के घर के बाहर
खूबसूरत सी रंगोली बनाएं
खरीद के मिट्टी का दिया
गरीब के घर को जगमगाए

थोड़ी से इकोफ्रेंडली थोड़ी
सी फ्रैंडली !
देके बच्चो को फुलझड़िया
दो चार पटाखे ज़रूर जलाए

न भेजे हम फॉरवर्ड मैसेज
करे आज अपनो को फोन
गैरो से दूर अपनो के बीच
चलो वही पुरानी दिवाली मनाएं

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1 NOV 2023 AT 0:00

दो चांद के दरमियान हमे आना पड़ा
उस रोज करवाचौथ उसे मनाना पड़ा

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26 OCT 2023 AT 9:41

आंखों में नमी होठों पे हँसी दिखी है
हर शख्स के चहरे पे बेबसी दिखी है

किसे जला आए हम अब ये सोचते है
हर पड़ोस में रावण की हँसी दिखी है

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