Kumudini Sahu   (Shini)
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Solitude gives pleasure
Utilize it to empower your words
Joined 14 March 2019


Solitude gives pleasure
Utilize it to empower your words
Joined 14 March 2019
29 JUN 2022 AT 20:25

उसने कहा आसमां खूबसूरत है
और मैंने कहा ज़मीं
उसने कहा चाँद है ऊपर
मैंने कहा मेरा चाँद तो यहीं
उसने कहा रौशनी है मिलती जिससे
वो धूप है सबसे हसीं
तुम्हारी तो मुस्कुराहट के बिना
सवेरा मेरा होता ही नहीं
उसने कहा देखो अम्बर को
जन्नत होगी क्या और कहीं
मैंने कहा बरसने दो इन्हें
गालों पर तुम्हारी -आफरीन आफरीन

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27 JUN 2022 AT 23:30

Nothing is more saddening than
Ending a toxic relationship.
Because then, you have to part
From the person you love
Willingly.

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24 JUN 2022 AT 15:56

तुम मेरे लिए वो आसभरा खत हो
जिसे मैं खतम हो जाने के डर से
धीरे धीरे पढ़ती हूँ।

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7 JUN 2022 AT 19:02

बता कर जाते कब आओगे,
तो राह तकने में आसानी होती
आँसू रोकने में आसानी होती,
खुलकर हँसने की आज़ादी होती।
दिल मे जो शोर सा है उमड़ा,
बातें वो बेज़ुबानी होती।
आने की तारीख से पहले तुम्हारी,
तुम्हारे आने की तैयारी होती
आलम जो याद में तुम्हारे गुज़रे
शिकायतों की लंबी पर्ची बनाती।
और आने की खुशी में तुम्हारी,
आईने को पोछ मैं निहारती
कम से कम बता कर जाते कब आओगे वापस,
तो दिया ये आस का बुझने न देती।

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7 JUN 2022 AT 18:46

Bas thodi aur garmi!

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6 JUN 2022 AT 14:58


1) Your knowledge
2) Your dreams
3) Your pain



1) It's proven.
2) It's fulfilled.
3) You are gone.

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29 MAY 2022 AT 0:52

It is the easiest thing to blame someone,
When you are never wrong,
And nobody can ever be always right.

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2 MAY 2022 AT 12:00

Sometime we talk to our friends
Just to accept the things, we couldn't tell ourselves.

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13 APR 2022 AT 18:22

Dream to many including me...

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9 APR 2022 AT 0:16

मेरी आँखों को चूमकर मेरी साँसे ले जाने वाले,
ये तो बता तुझे फिर मिलूँ कैसे?
वो पहला इरादा तेरा, पास आने का मेरे
और होंठों का स्पर्श कदमों से मेरे!
इतना महान बनाकर मुझको,
ये तो बता अब वापसी करू कैसे?
अकेली इन ऊँचाई से डर लगता है,
और तेरा साथ भी कुछ कम-कम लगता है!
मेरे जिस्म को छुए बिना भी, रूह तक खंगोलने वाले
ये तो बात तुझे फिर से भूलूँ कैसे?

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