किसी अपने ने पूछा "तुम्हें छोटी-छोटी बात पर तकलीफ़ क्यों होती है?मैंने मुस्कुरा कर कहा- बस!एक बार 'ग़ैर' कह लो,फिर तकलीफ़ की कोई गुंजाइश ही न रहेगी। - ©Dr.Writer|डॉ० राइटर
किसी अपने ने पूछा "तुम्हें छोटी-छोटी बात पर तकलीफ़ क्यों होती है?मैंने मुस्कुरा कर कहा- बस!एक बार 'ग़ैर' कह लो,फिर तकलीफ़ की कोई गुंजाइश ही न रहेगी।
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