Krishna Ponia   (Krishna Ponia)
84 Followers · 105 Following

read more
Joined 13 May 2018


read more
Joined 13 May 2018
11 OCT 2022 AT 23:51

चोट भी इतनी खाई हैं,
जैसे कोई दौलत कमाई है,
धड़कन मद्धम हो गई,
हर पल बस रुसवाई है,
सबको ख़ास बनाने में,
खुद की पहचान गवाई है,
मैंने उसको अपना माना,
जो पहले से हरजाई है।

-


7 JUN 2021 AT 3:31

तुझे जानकर क्यूं मैं,
बेबाक सा हो गया हूं,
इश्क़ ही तो किया था,
बर्बाद सा हो गया हूं।

-


18 MAY 2021 AT 7:11

एक बात कहूं,
चाहे दुनियां लड़ ले हमसे,
पर दोस्त तुम हमारी हो,
बहुत लड़कियां हैं दुनिया में,
लेकिन तुम सबसे न्यारी हो,
लड़ झगड़ कर रो लेती हो,
जो कहना है कह लेती हो,
एक ही दिन का गुस्सा है,
फिर तुम दोस्ती कर लेती हो।

-


21 FEB 2021 AT 9:59

देखो मेरे देश का चेहरा,
छोरी बन रिया है हर छोरा,
जात पात की फिकर ही कोनी,
कैसी घट री है अनहोनी,
कैसा नया है भारत आया,
छोरा छोरा के मन भाया।

-


17 FEB 2021 AT 22:31

I wanna love you again!

-


10 JAN 2021 AT 23:28

रो भी लिया, खुद चुप हो भी लिया,
जो पाया था खुद ने, खुद ने ही खो भी लिया,
थम रही है नसों में दौड़ते खून की रफ़्तार,
थक गया था ज़िन्दगी से, मैं सो भी लिया...



-


29 NOV 2020 AT 21:51

जाने क्यूं गौर से,
वो आइना देखती है,
क्या मुझसे ज़्यादा,
वो उससे प्यार करती है,
जब भी उससे में,
कहीं चलने को कहता हूं,
पहले मैं संवर तो लूं यार,
कहती है।

-


19 OCT 2020 AT 20:42

कभी ऐसा चाहा नहीं जो हो रहा है,
आंखें रो रही हैं दिल खो रहा है,
कहीं तो सही होऊंगा तुम्हारी नज़रों में,
जब ज़्यादा हो जाए हर तरह से,
तो सोच लेना ये पागल अब सो रहा है।

-


13 OCT 2020 AT 8:52

आरोप लगाकर मुझ पे तुम,
क्यूं इतना इतराते हो?
गर है सच की ज्वाला तुम में,
तो जलने से क्यूं कतराते हो,
मोह की इस भ्रम माला पे,
हर पल तुम मंडराते हो,
है भरा हुआ अहंकार ज़हन में,
हर कदम पे तुम इठलाते हो,
सुबह शाम श्रृंगार में डूबे,
ज़ुल्फ हवा में लहराते हो,
आरोप लगाकर मुझ पे तुम,
क्यूं इतना इतराते हो?

-


6 SEP 2020 AT 10:00

प्रतिशोध की ज्वाला में जाने कितने राख़ हुए,
एक बूंद गिरी धरा पे और एक से एक लाख हुए,
फिर जब दौड़ा सच का हुंकार गगन में,
तो रक्त नेत्र की ज्वाला से वो भी सत्यानाश हुए।

-


Fetching Krishna Ponia Quotes