मैं धूल-मिट्ठी, मैं कीचड़, मैं जमशेदपुर का अनपढ़ गरीब जाहिल सारा,
चलो ,
पूरा पटना शहर तुम्हारा ॥
तुम वैक्सीन, तुम क्वारंटीन... तुम Cylinder oxygen का ।
मैं कोरोना का Patient बेचारा।।-
जब दिखी मुझे भी पहली दफ़ा,उसके चेहरे पे मुस्कान थी,
बात करने का मन तो बहुत था,
पर क्या करे वो हमसे अनजान थी,
उसकी मासुमियत छुपे भी ना छुपे,
वो कुछ ऐसी ही मासूम सी नादान थी,
वो मस्ती में रहती थी हर दम,जैसे हर परेशानी से नादान थी
बात करने का मन तो बहुत था,पर वो फिर भी हमसे अनजान थी,
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पता नहीं,हमें ये कैसी बीमारी लगती हैं,
हमें हमारी पागल होने की
तैयारी लगती है !!
देखा है जब से तुम्हें;
आयने में अब मैं नहीं रहता,
उसमे भी हमे सूरत तुम्हारी दिखती है !!
ना दिखें जिस दिन तू मुझे,
तबियत ज़रा सी बिगडी रहती है,
हाय ! ये महोब्बत तो हमे एक बीमारी लगती है !!
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मैं धूल-मिट्ठी, मैं कीचड़, मैं गाँव का अनपढ़ गरीब जाहिल सारा,
चलो ,
जमशेदपुर शहर तुम्हारा ॥
तुम वैक्सीन, तुम क्वारंटीन... तुम Cylinder oxygen का ।
मैं कोरोना का Patient बेचारा।।-
तू किसी और की हो जाएगी, पहले बताना था न,
अब गैर की बातें अच्छी लगने लगी है तुम्हें,
तो सपने कम दिखाना था न...?
सुना है तुझपे अब किसी और का पहरा है ।
अगर, मोहब्बत मुझसे थी तो,मरते दम तक मुझे आजमाना था न...?-
तू किसी और की हो जाएगी, पहले बताना था न, अब गैर की बातें अच्छी लगने लगी है तुम्हें,तो सपने कम दिखाना था न...?
अब तो रो-रोकर गुज़ार रहे हैं दिनो-रात मेरे और तुझे ख़बर तक नहीं, बता तो जरा, कभीँ मेरी खामोशियों को पढ़ लेना, तेरा एक बहाना था न...?
तू तो कहती थी जान साथ मिलकर करेंगे नाम रौशन, साफ साफ कह, तेरा मकसद मेरा वज़ूद मिटाना था न..?
तूने तो अकेले ले लिया फैसला मुझसे दूर होने का, अरे बेवफ़ा कभी मेरा सोचा, मैं भी तो दीवाना था न...?
मेरी लापरवाहियां बढ़ी तो तूने दूसरा खोज लिया? तुझे तो हक था, मुझें थप्पड़ मारे के समझाना था न...?
सुना है तुझपे अब किसी और का पहरा है अब, मोहब्बत मुझसे थी तो मरते दम तक मुझे आजमाना था न...?-
मैने कहा... हम तुम्हे याद करते है..
उन्हें लगा... हम तुम्हारी फरियाद करते है।।😔
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दिल की बातें सुना रहा तू पागल, किसे वहाँ,
लोग ,झूठे लोगों को सुनना पसंद करते है,
जहाँ ||-