जोड़ लगते गए फसाने में,
राज खुलते गए छिपाने में,
रूठने का सबब तो तुम जानो,
हम तो मसरूफ हैं, मनाने में।
तूने तिनके समझ के फूंक दिया,
मेरी दुनिया थी आशियाने में।
करार लूट लिया बेकरार छोड़ गए,
बहार ले गए, यादे बहार छोड़ गए,
हमारी तश्न-ए-हजीं का न कुछ खयाल किया,
उम्र भर के लिए अश्क़ बार छोड़ गए।- KP Speaks
28 DEC 2017 AT 21:38