दिन गिन रहा हूँ मैं
तुम्हारे लौट कर आने के इंतज़ार में।
लोग बहुत कुछ सुनाते हैं मुझे
स्वाभिमान की बातें करते हैं।
आत्मसम्मान का राग अलापना
और मेरे तुच्छ होने का एहसास कराना
कभी नहीं भूलते।
बहुत मुश्किल है समझाना इनको
कि जब प्यार हो किसी से
तो स्वाभिमान बहुत मामूली सी चीज लगने लगती है।
ये नहीं समझेंगे इस बात को
पर तुम समझोगी, एक दिन।
उस दिन तुम आओगी लौट कर, मेरे पास
और फिर कोई कुछ नहीं बोलेगा।
- A heart penned down