जीवन है रवानी, एक प्यार भरी धुन
कविता ही मेरी जीवन, मेरी कविताओं में तुम-
भटका हूँ सुकून की चाहत और विधि में
उलझन सिमट जाए तेरी बाहों की परिधि में-
है खूबसूरत बस दो लम्हे,
और जिंदगी उदासी ही है
तुम्हे देखना, आहें भरना,
कुछ क्षणों का जीवन
बाकी पल तो उबासी ही है-
I became angry with her,
which in turn angered her
Guess What...
'I had to apologize'-
ब्लैक-ब्लैक बहुते भेल, सब व्हाइट करे के पड़ी
सिस्टम भइल बा फुस्स, हवा टाइट करे के पड़ी
झगड़ा-झंझट आ मारपीट से कुछो न होई भईया
लड़ाई बा बड़का, युद्ध लेखन फाइट करे के पड़ी
बक-बक छोड़ के, नेतागिरी में न माथा फोड़ के
काम के बात आ निमन मुद्दा हाईलाइट करे के पड़ी
ई भाष्टाचार बा कि पहाड़, कईसे टूटी हो 'कुणाल'
छेनी हथउरी से परहार इनफाइनाइट करे के पड़ी
दख्खिन बा सुखल, निरक्षरता के सुखाड़ बा
उत्तर बा जलमग्न, अज्ञानता के बाढ़ बा
घोर अनहरिया में डूबल बा बिहार हो
भविष्य न लउके एतना बा अन्हार हो
आत्मदाह के अग्नि से ही लाइट करे के पड़ी
सिस्टम भइल बा फुस्स, हवा टाइट करे के पड़ी
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When I try to move ahead in my Career while adapting to circumstances
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प्यार में तकरार त रहबे करी
तनी बात हो जाईत त ठीक रहीत
बात कईला से ही बात बनेला
साथे चाय मिल जाईत त ठीक रहीत
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