17 MAR 2018 AT 16:35

में नजरे मिलाने बेताब हूं
तु पलकें झुकाए खडी हें
चेहेरे पे तेरे भी एक ही कशीश हें
पर तू आंखें मूंद रही है

इतना भी मत तडपा के तेरे जुलफों मे ही उलज जाऊ
आंखें देखने से पहिले ही मे तेरा बस तेरा हो जाऊ

नशे का तो कुछ शौक नही बस कुछ शबाब तेरे आंखें से पिना चाहता हूं
में तेरे चेहेरे की मुस्कान और होटों का हर लफ्ज़ बनना चाहता हूं !!!

- किरण ✍️📓