मेरी ज़िन्दगी की किताब
के कुछ पन्ने ऐसे है,
जिन्हें मैं कभी खोलना नही चाहती।
न कोई वजह पूछता है,
और न मैं वजह बताती।
काश! चाहकर भी मैं उन पन्नो
को निकाल फेकती,पर
ये तो खुदा के भी बसकी बात नही,
ज़िन्दगी कितनी भी बुरी हो
इसके आगे मौत की कोई औकात नही।-
◆7teen
◆Introvert
◆Muzaffarnagar
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काश! मेरी ज़िंदगी में वो हसीन पल भी आए,
जब हो तू, मैं और हमारी चाय !/!-
बात अगर भुलाने की है तो
तुम बेशक भूला देना,
हमारे बजाए किसी और को
अपनी बाहों में सुला लेना।-
मैं रूठ जाऊं तो मना लेना,
थोड़ी हमदर्दी जता लेना,
और नफरत है हमसे तो कोई गिला नही,
बस मेरे मरने पर बाहो में उठा लेना।-
मुझे जायदाद नही,
माँ-बाप की सेवा का मौका चाहिए,
और ये समाज की
घिनौनी सोच,आकर मुझे न बताइए।-
बात कुछ और ही होती,
गर,जिस्मो के न यूँ व्यापार होते,
जिस्म देने से सच्ची मोहोब्बत मिलती,
तो कोठे वाले सच्चे इश्क़ के हक़दार होते।-
मेरे अपनो ने भी मुझे
इस्तेमाल करके फेका है,
मैंने खुदको मरा हुआ होकर भी,
सांसे लेते देखा है !!-
मामूली शायर है तू !
कुछ बड़ा कर बताने को,
मैंने कहा मेरे चंद शब्द ही काफी है,
तेरे शहर में आग लगाने को।-
Ishq अगर हो सच्चा,
तो आशिक़ बनकर वफ़ा करो,
मिले अगर धोखा बदले में,
तो पत्थर बनकर दफ़ा करो ।-