बंजर हो चुकी है हर आरजू अब,दस्तक भी दे दिल पे;कोई आंस नही होती।।बरस जाए बादल भी कोई, अब इश्क़ की प्यास नही होती ।। - - केशव किशोर"क्रिस्टोफ़र"
बंजर हो चुकी है हर आरजू अब,दस्तक भी दे दिल पे;कोई आंस नही होती।।बरस जाए बादल भी कोई, अब इश्क़ की प्यास नही होती ।।
- - केशव किशोर"क्रिस्टोफ़र"