20 MAY 2018 AT 15:52

बहुत चमक रही है माँ आज चुनर तेरी
किसकी दुआ तूने आज कुबुली है

माँ तू ही तो अपनी थी मेरी
तूने भी राह बदल ली है

बहुत चमक रही है माँ आज चुनर तेरी
किसकी झोली तूने आज भर दी है

आयी हूँ माँ मैं फिर आज द्वार तेरे
पूछने ये जीवन क्यों एक पहेली है

बहुत चमक रही है माँ आज चुनर तेरी
किसकी बनी तू आज नयी सहेली है

कोई शिकवा नही तुझसे माँ अब लब पे मेरे
मैंने नियति से जो हाथ मिला ली है

बहुत चमक रही है माँ आज चुनर तेरी
किसकी पुकार तूने आज सुन ली है

💕Love_You_Zindagi💕



- Apurva