Kavita Singh   (K@vita KS)
478 Followers · 62 Following

read more
Joined 21 January 2018


read more
Joined 21 January 2018
19 SEP 2022 AT 13:46

मानसिक गुलामी को
धार्मिक रूप दे देने से
गुलामी का एहसास नहीं होता,
ये गुलामी आनंद की अनुभूति देने लगती है

-


22 AUG 2022 AT 14:23

फिर इक ख़्वाब देख रही हैं आंखें...
फिर क़ीमत न चुकानी पड़े इनको !

-


15 AUG 2022 AT 10:42

किसी ने फांसी के फंदे चूमे,
किसी ने सीने पर गोली खाई है...
आज़ादी की कीमत समझो,
आज़ादी यूं मुफ़्त में नहीं आई है !

-


12 JUL 2022 AT 11:12

तुम इश्क़ के मामले में
मेरी आखिरी उम्मीद हो !
(Plz read caption for full poetry)

-


14 JUN 2022 AT 9:11

अंधेरों की मुझको जब आदत हो गई है...
इक शख़्स मेरी दुनिया को रौशन कर रहा है !

-


13 JUN 2022 AT 14:27

कभी कभी हम अंजाम से
इतना डरते हैं कि
एक पहला कदम भी
किसी की तरफ बढ़ा नहीं पाते !

-


12 JUN 2022 AT 21:20

प्रेम भटकते हुए मन में
स्थिरता लेकर आता है...
विरह स्थिर मन को
भर देती है बेचैनियों से

-


12 JUN 2022 AT 14:26

हर मज़हब ने सिखाया
अमन, प्यार, सौहार्द और भाईचारा
लोगों को मज़हब तो याद रहा,
पैग़ाम-ए-मोहब्बत को भूल गए !

-


19 MAY 2022 AT 13:05

गोरा होना खूबसूरत होना नहीं है...
जितनी जल्दी हो सके,
दुनिया को ये समझ लेना चाहिए....

(Read caption for full poetry)



-


5 APR 2022 AT 18:29

कुछ ये भी वजह रही मेरे उदासीन होने की...
मुझे सबकुछ मिला, मगर वक़्त पर नहीं !!

-


Fetching Kavita Singh Quotes