एक मंज़र ऐसा भी।।अंधेरों में रोशनी ढूंढ़ते ,मैने उजाले को खो दिया।।तूफानों से लडने की तैयारी में, मैने हवाओं को खो दिया।।शाम के इंतज़ार में,सारा दिन गवां के बैठे है,,उनसे बात करते करते,उनसे मिलने के ख्वाब सजा कर बैठे है।। -
एक मंज़र ऐसा भी।।अंधेरों में रोशनी ढूंढ़ते ,मैने उजाले को खो दिया।।तूफानों से लडने की तैयारी में, मैने हवाओं को खो दिया।।शाम के इंतज़ार में,सारा दिन गवां के बैठे है,,उनसे बात करते करते,उनसे मिलने के ख्वाब सजा कर बैठे है।।
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तुमने निगाहों की बात कही थी,में तुम्हारे ख्वाब तक चले आया,,मैने फिजाहों की बात की,तुम ज़ुल्फो तक चले आए,,तुम गुफ्तगू कर रहे थे,में कहानियों तक चले आया,,तुम आशुओं की बात करते थे,में उन्हें पोछने चले आया।। -
तुमने निगाहों की बात कही थी,में तुम्हारे ख्वाब तक चले आया,,मैने फिजाहों की बात की,तुम ज़ुल्फो तक चले आए,,तुम गुफ्तगू कर रहे थे,में कहानियों तक चले आया,,तुम आशुओं की बात करते थे,में उन्हें पोछने चले आया।।
दांत बचाते बचाते अब , ज़िन्दगी बचा रहे है,,हम इन रास्तों से दरिंदगी हटा रहे है,,लम्हों में जीने वालों की , उम्र बढ़ा रहे है,,हम उन्हें उनकी सांसें लौटा रहे है,,जानते थे खफा है उसके खौफ से ये दुनिया,उसके खौफ को भी हम ताकत बन रहे है।। -
दांत बचाते बचाते अब , ज़िन्दगी बचा रहे है,,हम इन रास्तों से दरिंदगी हटा रहे है,,लम्हों में जीने वालों की , उम्र बढ़ा रहे है,,हम उन्हें उनकी सांसें लौटा रहे है,,जानते थे खफा है उसके खौफ से ये दुनिया,उसके खौफ को भी हम ताकत बन रहे है।।
होता है अक्सर ..होता है अक्सर कुछ पुराने पन्ने फट जाते है,कुछ वक़्त के बाद कुछ अपने बदल जाते है,जो खास हुआ करते थे वो भी चले जाते है,होता है अक्सर कुछ पुराने पन्ने फट जाते है,,तुम्हारे हर जज्बात कुछ दिनों में बदल जाते है,ख़्वाब तुम्हारे नींद खुलते ही चले जाते है,,होता है अक्सर कुछ अपने बदल जाते है,होता है अक्सर कुछ पुराने पन्ने फट जाते है।। -
होता है अक्सर ..होता है अक्सर कुछ पुराने पन्ने फट जाते है,कुछ वक़्त के बाद कुछ अपने बदल जाते है,जो खास हुआ करते थे वो भी चले जाते है,होता है अक्सर कुछ पुराने पन्ने फट जाते है,,तुम्हारे हर जज्बात कुछ दिनों में बदल जाते है,ख़्वाब तुम्हारे नींद खुलते ही चले जाते है,,होता है अक्सर कुछ अपने बदल जाते है,होता है अक्सर कुछ पुराने पन्ने फट जाते है।।
नज़रों से नज़रों के राज़ क्यों छुपाते हो,महफ़िल में तुम्हारे अंदाज़ क्यों छुपाते हो,,सिलवटें तुम्हारे चेहरे की इतना क्यों छुपाते हो,जुल्फ़े तुम्हारे चेहरे से इतनी क्यों हटाते हो,,ख़्वाब तुम्हारे जानता हूं में,तुम उन ख्वाबों को इतना क्यों छुपाते हो,,ये जो महफ़िल सजाई है महलों में तुमने,इसे तुम इतना क्यों दिखाते हो।। -
नज़रों से नज़रों के राज़ क्यों छुपाते हो,महफ़िल में तुम्हारे अंदाज़ क्यों छुपाते हो,,सिलवटें तुम्हारे चेहरे की इतना क्यों छुपाते हो,जुल्फ़े तुम्हारे चेहरे से इतनी क्यों हटाते हो,,ख़्वाब तुम्हारे जानता हूं में,तुम उन ख्वाबों को इतना क्यों छुपाते हो,,ये जो महफ़िल सजाई है महलों में तुमने,इसे तुम इतना क्यों दिखाते हो।।
यूं ही नज़रों से बयां कर दो,अल्फ़ाज़ क्यूं छुपाते हो,,ये कश्मकश के खेल में,तुम आसू क्यों बहाते हो,,खेल तो ज़माने ने कई खेलें दिखावे के,इन दिखावों में तुम दिल कयों जलाते हो।। -
यूं ही नज़रों से बयां कर दो,अल्फ़ाज़ क्यूं छुपाते हो,,ये कश्मकश के खेल में,तुम आसू क्यों बहाते हो,,खेल तो ज़माने ने कई खेलें दिखावे के,इन दिखावों में तुम दिल कयों जलाते हो।।
इन मदहोश हवाओं में मैं तेरी जुल्फें संवारना चाहता हूँ...आंखों की तेरी हर इबादत को, में अपनी बनाना चाहता हूं ।तू जो रूठ जाती थी उन गलतफहमियों के चक्कर में, उन्हें भूलकर, मैं तुझे अपना बनाना चाहता हूँ । -
इन मदहोश हवाओं में मैं तेरी जुल्फें संवारना चाहता हूँ...आंखों की तेरी हर इबादत को, में अपनी बनाना चाहता हूं ।तू जो रूठ जाती थी उन गलतफहमियों के चक्कर में, उन्हें भूलकर, मैं तुझे अपना बनाना चाहता हूँ ।
आज का सूनापन कल उत्साह लाएगा,,बस इस पल में संभालना होगा,,मानाकी रास्ता कठिन है,पर इस राह में चलते जा,,ये जो काटे बिछे है राह पर,तू इन्हे भी गिनते जा,,फूल बन कर बरसेंगे सारे गम,,सिर्फ तू इन गमो से संभालते जा,,तू डर मत इन लंबी राहो से,सिर्फ मंज़िल देख के बढ़ते जा,,तू चलते जा ।तू चलते जा ।हर दिन आगे बढ़ते जा।। -
आज का सूनापन कल उत्साह लाएगा,,बस इस पल में संभालना होगा,,मानाकी रास्ता कठिन है,पर इस राह में चलते जा,,ये जो काटे बिछे है राह पर,तू इन्हे भी गिनते जा,,फूल बन कर बरसेंगे सारे गम,,सिर्फ तू इन गमो से संभालते जा,,तू डर मत इन लंबी राहो से,सिर्फ मंज़िल देख के बढ़ते जा,,तू चलते जा ।तू चलते जा ।हर दिन आगे बढ़ते जा।।
तेरे हर मुकम्मल सवाल का,आखिरी जवाब हूं,,गहरी नींद में आता में,आखिरी ख़्वाब हूं,,समन्दर से जा मिलता में,नदियों का ढाल हूं,,तेरी ख्वाहिशों से बढ़ता में,उम्मीदों का ताज़ हूं।। -
तेरे हर मुकम्मल सवाल का,आखिरी जवाब हूं,,गहरी नींद में आता में,आखिरी ख़्वाब हूं,,समन्दर से जा मिलता में,नदियों का ढाल हूं,,तेरी ख्वाहिशों से बढ़ता में,उम्मीदों का ताज़ हूं।।
में रूह का फरिश्ता हूं,मुझे रूह में पनाह देना,,जब ख़्वाब से गुज़र जाऊ,मुझे नींद में शिफा देना ।। -
में रूह का फरिश्ता हूं,मुझे रूह में पनाह देना,,जब ख़्वाब से गुज़र जाऊ,मुझे नींद में शिफा देना ।।