16 JUL 2018 AT 12:34

कभी लिखा था जो खत तुझे वो आज कबाड़ हो गया,
वो नरम टेड्डी बेयर भी दर्द का पहाड़ हो गया,
तेरे जाने से जो दर्द मिला उससे और हो न हो,
पर अपने शायरी लिखने का एक जुगाड़ हो गया...

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