कभी लिखा था जो खत तुझे वो आज कबाड़ हो गया,वो नरम टेड्डी बेयर भी दर्द का पहाड़ हो गया,तेरे जाने से जो दर्द मिला उससे और हो न हो,पर अपने शायरी लिखने का एक जुगाड़ हो गया... -
कभी लिखा था जो खत तुझे वो आज कबाड़ हो गया,वो नरम टेड्डी बेयर भी दर्द का पहाड़ हो गया,तेरे जाने से जो दर्द मिला उससे और हो न हो,पर अपने शायरी लिखने का एक जुगाड़ हो गया...
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