हम इश्क को ढूंढ रहे थे उसकी परछाई में कमबख्त छुपा बैठा था तसव्वुर की गहराई में - Kapil gupta
हम इश्क को ढूंढ रहे थे उसकी परछाई में कमबख्त छुपा बैठा था तसव्वुर की गहराई में
- Kapil gupta